माल्हण शक्ति की आराधना

🙏🏻आरती माल्हण शक्ति की🙏🏻

नोट :  लघु पंक्ति को दोहराना है


ओम जय माल्हण बाई, देवी जय माल्हण बाई
जानरे राय जोगनी , संतन सुखदाई । ओम.........
आदि शक्ति अविनाशी , जग में जोराली ।
अम्बे रूप अवतारी,माल्हण मुगटाली ।। ओम........
धोले मढ़ धणियाणी, देवी ड़ाढाली   ।
सम्मुख रहो सदाय छीन पल छत्राली ।। ओम....
अकन कुंवारी अम्बे , तुम सबकी बाई ।
इज्जत राखो ईसरी, जानरे मढ़ जाई ।। ओम......
चंदन सुगंध चन्हुदिश मंदरीये महके ।
भळके  केंकू केसर , धूप अगर धधके ।। ओम........
ऊंची मेढ़ी उज्वल, जोत अखंड जळे ।
सेवक आवे शरणे, भय दुःख दूर टळे ।। ओम...........
ढोल नगारा ढ़मकत , झालर झणकारे ।
चौसठ जोगण रमत , मालू बाईसा द्वारे ।। ओम.......
असुर संहारण आयल , छूने में संतरी ।
धांसू राक्षस मारियो, जन की पीड हरी ।। ओम्..........
दृष्ट विदारणी देवी, तुम संकट हरणी ।
आपत विपत उबारो , तुम सब सुख करणी ।। ओम्........
शक्ति भक्ति समपो, चरणांशी शीश धरूं।
दीप समर्पण देवी, नित उठ नमन करूं ।। ओम्..........

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोढ़ा राजपूत सम्पूर्ण इतिहास

मगरा आज भी कम नहीं

पुत कुपात्र हो सकता है माता कुमाता नहीं